वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर घर का मुख्या प्रवेश द्वार लोगो के प्रवेश और बाहर निकलने का श्रोत होने के साथ – साथ ऊर्जा का भी आने-जाने का मार्ग है। जिस तरह प्रवेश द्वार से घर में आने वाली सकारात्मक ऊर्जा खुशहाली और समृद्धि लाती है उसी तरह नकारात्मक ऊर्जा का विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए, स्वास्थ्य और भाग्य के लिए सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए मुख्य प्रवेश द्वार को ठीक से डिजाइन करना महत्वपूर्ण है। इस विचारधारा को मद्देनज़र रखकर हमने कुछ युक्तियां एकत्र की हैं जो आपको वास्तुशास्त्र द्वारा अनुशंसित प्रवेश द्वार को डिजाइन करने में मदद करेंगे।
प्रवेश क्षेत्र घर का चेहरा होता है इसीलिए इसे रोशन और चमकदार बनाने के लिए उच्च कोटि के रौशनी का आयोजन करना चाहिए ताकि यह क्षेत्र हर पल स्वागतमय लगे। क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित करने के लिए एक लैंपशेड या हलके प्रकाश वाले बल्ब का प्रयोग करें।
मुख्य प्रवेश द्वार का दरवाज़ा घर का सबसे बड़ा और प्रभावशाली होना चाहिए जो अधिकतम निशयात्मक प्रवाह की अनुमति देता हो । दरवाजा बनाने के लिए आपको अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करना चाहिए जैसे की लकड़ी जो हमेशा खूबसूरत और आकर्षक विकल्प होता। आप चाहे दो या एक कपाट वाला मुख्य दरवाज़ा चुने, यह ध्यान ज़रूर दें की वह बाहर की और खुले ।
घर का निर्माण करते वक़्त इस बात का ज़रूर धयान रखें की प्रवेश द्वार हमेशा आसपास के जमीन के स्तर से कभी निचे न रहे। वास्तु के नियमो के अनुसार, मुख्य दरवाजा का स्तर जमीन से कुछ फुट ऊपर होना चाहिए, आदर्श रूप से ज़मीन से प्रवेश द्वार तक के स्तर को तय करने के लिए विषम संख्या की सीढिया होनी चाहिए। जमीनी स्तर से दरवाजा को ऊपर रखना व्यावहारिक भी है क्योंकि मानसून के बाढ़ का पानी घर के अंदर नहीं आ सकता है।
घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए प्रवेश द्वार में स्वागत करने वाला अनुभव होना चाहिए। इस क्षेत्र को सजाने और दिलो- दिमाग पर छाजाने लायक बनाने के लिए मुख्य दरवाजे पर खूबसूरत नाम प्लेट का उपयोग करने के साथ-साथ चमकीले डिजाइन जोड़ें।
मुख्य द्वार का इलाका हमेशा साफ़-सुथरा होने के इलावा अच्छी तरह से सजा होना चाहिए ताकि यह हमेशा स्वागतमय और खुशहाल चेहरा प्रस्तुत करे। अगर किसे वजह से यह क्षेत्र क्षतिग्रस्त है या इस इलाके में दीवारों पर दरार हैं या आस दीवारों पर सस्ते रंग लगा है, तो आपको इसे तुरंत मरम्मत की जानी चाहिए। अगर दरवाज़े और दिवार पर लगे चूलों में जंग लगी है तो कुछ बूँद तेल उसमें डाल कर शोर के बिना आसानी से रह सकते ।
सजीले अंदाज़ से रचा यह मुख्य प्रवेश द्वार एक पारंपरिक आयताकार पैटर्न में बनाया गया है। प्रवेश द्वार का चयन करते वक़्त हमेशा ध्यान रखे की वह तिरछा, गोलाकार या धनुषाकार न हो क्योंकि वे घर में आने वाली सकारात्मक ऊर्जा में हस्तक्षेप करते हैं। मुख्य द्वार के लिए फिसलन वाला दरवाजा भी अनुशंसित नहीं है।
अपने मुख्य द्वार को चुनते समय काले रंग के अलावा कोई भी रंग चुनें, क्योकि वास्तुशास्त्र में इसे अशुभ माना जाता है जबकि उज्ज्वल और हलके रंग क्षेत्र को अधिक आकर्षक बनाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का अव्वाहन करते हैं। इसी तरह की पॉलिश की हुई लकड़ी का प्रवेश द्वार अच्छा विकल्प है क्योंकि यह प्रवेश क्षेत्र में गर्मजोशी माहौल लाता है।
मुख्य द्वार को कभी भी कोने में या दीवार के बीच में नहीं लगाना चाहिए क्योकि इससे सकारात्मक ऊर्जा के संचार में विघ्न पद सकता है। ध्यान रखे की दरवाज़ा कोने से, कम से कम एक फुट की दूरी पर स्थित हो और दरवाजे के सामने या सीध में कोई खम्बा या पेड़ की बाधा न हो।
प्रवेश द्वार को मंगलमय बनाने के बाद घर में वास्तुशास्त्र के नियमो का पालन करने के लिए, यह आइडियाबूक देखें।